Wednesday, September 22, 2010

दिग्विजय को दिखाए गए काले झंडे.



बटला हाउस एनकाउंटर के मुद्दे पर दिग्विजय सिंह को काले झंडे दिखाए गए।
दिल्ली के जामिया में मंगलवार को जर्नलिस्ट यूनियन फॉर सिविल सोसाइटी ने जामिया विश्वविद्यालय में आतंकवाद विषय पर हो रहे सम्मेलन में दिग्विजय सिंह को काले झंडे दिखाए।
जेयूसीएस के पचासों नेताओं और दर्जनों कार्यकर्ताओं ने साजिद-आतिफ के हत्यारे दिग्विजय वापस जाओ, आजमगढ़ को आतंक की नर्सरी के नाम से तब्दील करने वाले कांग्रेसी दिग्विजय वापस जाओ, साजिद और आतिफ की हत्या पर विजय मनाने वाले काग्रेंसी दलाल वापस जाओ, बाटला हाउस आंदोलन को तोड़ने वाले दिग्विजय वापस जाओ, हमारा मानवाधिकार आंदोलन जिंदाबाद, इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए दिग्विजय वापस जाओ के पर्चे फेके।
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने भी समर्थन में नारे लगाए।दिग्विजय सिंहं के आने का जमकर विरोध किया गया। सम्मेलन में शिरकत कर रहे कार्यकर्ता इस बात से बेहद नाराज थे कि बटला हाउस एनकाउंटर के मसले पर दिग्विजय सिंह और उनकी पार्टी के विचार अलग-अलग है।
'समय लाइव डॉट काम' के संपादक पाणिनी आनंद ने बातचीत में कहा कि कार्यकर्ताओं द्वारा दिग्विजय सिंह के प्रति ऐसे विरोध के संकेत पहले से मिल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस मसले पर उनका विरोध होना लाजिमी था।
उन्होंने कहा कि जिस वक्त ये घटना हुई थी तब राज्य में और केंद्र में कांग्रेस की सरकारें थी उसके बावजूद इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया और ना ही इसकी कोई गंभीर जांच हुई।

जेयूसीएस के संयोजक शाह आलम और विजय प्रताप ने कहा कि आजमगढ़ आज पूरे देश में आतंकवाद के नाम पर बेकसूरों के उत्पीड़न के आंदोलन का केंद्र है। बटला हाउस के बाद बने जामिया टीचर्स सालीडैरिटी एसोशिएसन फोरम पर हम आरोप लगाते हैं कि वह इस आंदोलन को दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेसी दलालों को बुलाकर कमजोर कर रही है।
जेयूसीएस ने कहा कि दिग्विजय को काला झंडा दिखाकर हमने आजमगढं के आदोलन की परंपरा को बरकरार किया। जिसने इसी तरह फरवरी में आजमगढ़ जाने पर दिग्विजय को काले झंडे दिखाए थे।
इस यात्रा का विरोध जामिया टीचर्स सालीडैरिटी एसोशिएसन फोरम ने भी किया था वो बताए कि क्या दिग्विजय ने बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ की न्यायिक जांच करवा दी है जो उसे इस तरह मंचों से वो नवाज रही है।
इस मसले पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे पता था कि मैं वहां जाउंगा तो लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी। उन्होंने कहा कि मैं काले झंडे दिखाने से नहीं डरता। विरोध के दौरान दिग्विजय सिंह चुपचाप बैठे रहे या मुस्कुराते रहे।
उन्होंने कहा कि हमारी भी सीमाएं है और हम लोगों को सोनिया जी और प्रधामंत्री से मिलवा सकते है लेकिन बाटला हाउस एक इमोशनल मुद्दा है जो एनएचआरसी का भी मुद्दा है लेकिन हम पार्टी में इसकी चर्चा फिर से करेंगे।
19 सितंबर को बटला हाउस एनकाउंटर के दो साल पूरे हो गए।

No comments:

Post a Comment